जुबान मेरी कड़वी मगर दिल साफ है, कौन कब बदला सबका हिसाब है। दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर। आसमान पे चलने वाले जमीं से गुजरा
जुबान मेरी कड़वी मगर दिल साफ है, कौन कब बदला सबका हिसाब है। दिल की बातें सुनाऊं तुझे मैं पास बिठाकर। आसमान पे चलने वाले जमीं से गुजरा